मध्य प्रदेश एक ऐसा राज्य है जिसमें पर्वत, पठार और मैदानों के बीच भूमि का संतुलित विभाजन है। मध्य प्रदेश की मुख्य भौतिक संरचना बेसाल्ट और गोंडवाना चट्टानें हैं। मध्य प्रदेश के भूगोल को भूगोलवेत्ताओं द्वारा तीन श्रेणियों में वर्गीकृत किया गया है और वे हैं -
1) मध्य प्रदेश का पठार
2) सतपुड़ा की पर्वत श्रंखला
3) पूर्वी पठार
सुविधा की दृष्टि से मध्य प्रदेश को 7 भूगर्भीय प्रभागों में विभाजित किया गया है जिनका नाम उल्लेख नीचे किया गया है-
मालवा का पठार, मध्य भारत का पठार, बुंदेलखंड का पठार, रीवा पन्ना का पठार, नर्मदा सोन वैली, सतपुड़ा मैकाल रेंज, बघेलखंड पठार इतियादी है।
मालवा का पठार अरावली और विंध्य श्रेणी के बीच स्थित है।मालवा पठार की सबसे ऊँची चोटी सिगार चोटी है जो 881 मीटर ऊँची है। सिगार टॉप महू के दक्षिण में स्थित है। इस पठार की दूसरी सबसे ऊँची चोटी जनपाव 854 मीटर ऊँची है और तीसरी सबसे ऊँची चोटी गजरी 810 मीटर ऊँची है।
मालवा पठार से निकलने वाली नदियाँ माही,चंबल,गंभीर,क्षिप्रा,कालीसिंधी,पार्वती,धसाणि,सोनार और बेतवा आदि है। उपरोक्त सभी नदियाँ भारत के भौतिक ढाल के कारण पश्चिम से पूर्व दिशा की ओर बहती हैं।