सिविल सेवा का जनक किसे कहा जाता है?
चार्ल्स कॉर्नवालिस एक ब्रिटिश सेना अधिकारी थे। चार्ल्स कॉर्नवालिस को भारत में सिविल सेवाओं के सुधार और आधुनिकीकरण में उनके योगदान के कारण भारतीय सिविल सेवा के जनक कहा जाता है। भारत में सिविल सेवाओं की नींव वारेन हेस्टिंग्स द्वारा रखी गई थी, लेकिन यह कॉर्नवालिस थे जिन्होंने सुधार लाने की जिम्मेदारी ली थी।
कॉर्नवालिस ने भारत में ब्रिटिश शासन को मजबूत करने के लिए, सिविल सेवाओं को व्यवस्थित और सुधार किया था। इसलिए उन्हें भारतीय सिविल सेवा का पिता भी कहा जाता है।
लॉर्ड कॉर्नवालिस ने भारत में सिविल सेवाओं की अवधारणा पेश किया था और सिविल सेवा के इच्छुक उम्मीदवारों के लिए उन्होंने कलकत्ता में फोर्ट विलियम कॉलेज शुरू किया था।
1864 में पहले भारतीय श्री रवींद्रनाथ टैगोर के भाई श्री सत्येंद्रनाथ टैगोर इंडियन सिविल सर्विस में सफल हुए। तीन साल बाद 4 अन्य भारतीय सफल हुए थे।
कृपया इसे भी पढ़े : 👉 Asian countries capital currency and language | 👉 Name of parliament of all countries | 👉 Vitamins scientific name food sources list
चार्ल्स कॉर्नवालिस अमेरिकी क्रांति युद्ध के दौरान एक जनरल के रूप में कार्य किया था। कार्नवालिस ने 1760 के दशक के दौरान हाउस ऑफ कॉमन्स और हाउस ऑफ लॉर्ड्स दोनों में संसद में कार्य किया। उन्होंने 1765 में स्टाम्प अधिनियम के खिलाफ मतदान किया।
कार्नवालिस ने 1776 में लेफ्टिनेंट जनरल के पद पर पदोन्नत किया गया और अमेरिकी क्रांतिकारी युद्ध की शुरुआत में कई सफल ब्रिटिश अभियानों में सेवा की।
लॉर्ड कॉर्नवालिस 12 सितंबर 1786 को बंगाल के गवर्नर-जनरल बने थे और 1793 तक गवर्नर-जनरल के पद का कार्य किया। 1793 में कॉर्नवालिस इंग्लैंड लौट गये और उनकी जगह सर जॉन शोर ने ले ली।
लॉर्ड कॉर्नवालिस 1805 में गवर्नर-जनरल के रूप में दूसरे कार्यकाल के लिए भारत लौट आए लेकिन लॉर्ड कॉर्नवालिस की 1805 में गाजीपुर में एक बीमारी से मृत्यु हो गई और उन्हें वहीं दफना दिया गया।