छायावाद का जनक किसे कहा जाता है?
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छायावाद का जनक जयशंकर प्रसाद को कहा जाता है। जयशंकर प्रसाद आधुनिक हिंदी साहित्य के साथ-साथ हिंदी थिएटर में एक प्रमुख व्यक्ति थे। जयशंकर प्रसाद को छायावादी कवि के रूप में प्रमुख रूप से जाना जाता है।
जयशंकर प्रसाद का 30 जनवरी 1889 को ब्रिटिश शासन के दौरान बनारस में हुआ था। जयशंकर प्रसाद पेशे से एक
उपन्यासकार, नाटककार और कवि थे। जयशंकर प्रसाद को उल्लेखनीय कार्य कामायनी (1936) कविता के लिए भी याद किया जाता है।
जयशंकर प्रसाद हिंदी साहित्य और हिंदी रंगमंच के क्षेत्र में प्रसिद्ध व्यक्तित्व हैं। जयशंकर प्रसाद ने अपने लेखन में कला और दर्शन को मिश्रित किया था।
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अपने महान लेखन के माध्यम से शास्त्रीय हिंदी कविता के सार का वर्णन किया था। कामायनी उनकी एक और लिखित कविता है जो उनकी सर्वश्रेष्ठ रचना भी थी।
जयशंकर प्रसाद ने अपने नाटकों और अन्य लेखन के माध्यम से प्राचीन भारत की कई महान हस्तियों और कहानियों के जीवन इतिहास को दिखाया है।
जयशंकर प्रसाद ने कई रोचक लघु कथाएँ भी लिखी हैं, जिनमें से शीर्षक ऐतिहासिक से लेकर पौराणिक और समकालीन और सामाजिक दोनों से संबंधित हैं। जयशंकर प्रसाद का निधन 14 जनवरी 1937 को हुआ था।