ऋग्वेद में युद्ध का देवता किसे कहा जाता है | Rigved mein yudh ka devta kise kaha jata hai

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Rigved mein yudh ka devta kise kaha jata hai

क्या आप जानते है कि ऋग्वेद में किस देवता को युद्ध का देवता कहा जाता है नहीं तो हम इस आर्टिकल में आपको बताएंगे।

ऋग्वेद में युद्ध का देवता किसे माना जाता था?
A. वरूण
B. सूर्य
C. इंद्र
D. अग्नि


ऋग्वेद को हिंदू धर्म के चार पवित्र वेद ग्रंथों में से एक माना जाता है। ऋग्वेद में एक हजार से अधिक सूक्तों का संग्रह है। ऋग्वेद की भाषा वैदिक संस्कृत है। ऋग्वेद में की युद्ध का देवता इंद्र को कहा जाता है। 

ऋग्वेद को सनातन धर्म का सबसे आरम्भिक स्रोत माना जाता है। ऋग्वेद में 10 मण्डल, 1028 सूक्त और वर्तमान में 10,462 मन्त्र है। ऋग्वेद में इंद्र, वरुण और अग्नि जैसे विभिन्न देवी-देवताओं की स्तुति के मंत्र हैं।

इंद्र हिंदू पौराणिक कथाओं में देवों और स्वर्ग के राजा हैं। इंद्र का आकाश, बिजली, मौसम, गड़गड़ाहट, तूफान, बारिश, नदी के प्रवाह और युद्ध से जुड़ा हुआ है। इंद्र देव को 


देवेंद्र, महेंद्र, सुरेंद्र, सुरपति, सुरेश, देवेश, देवराज, अमरेश, पर्जन्य, वेंधन आदि के नाम से भी जाना जाता है।

ऋग्वेद में सबसे अधिक वर्णन इंद्र देवता का है। वह अपनी शक्तियों के लिए जाने जाते है। उत्तर-वैदिक भारतीय साहित्य में इंद्र का महत्व कम हो गया है, लेकिन वह अभी भी विभिन्न पौराणिक घटनाओं में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उन्हें एक शक्तिशाली नायक के रूप में चित्रित किया गया है।

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