भारत में श्वेत क्रांति के जनक किसे कहा जाता है? | Bharat mein shwet kranti ka janak kise kaha jata hai

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Bharat mein shwet kranti ka janak kise kaha jata hai

Bharat mein shwet kranti ka janak kise kaha jata hai


भारत में श्वेत क्रांति के जनक किसे कहा जाता है नहीं तो हम इस आर्टिकल में आगे आपको बताएंगे।

श्वेत क्रांति भारतीय दुग्ध उद्योग के विकास में एक महत्वपूर्ण अध्याय है जिसे ऑपरेशन फ्लड भी कहा जाता है। यह क्रांति 1970 में शुरू हुई थी और उसका उद्देश्य भारत को दूध की उत्पादन में एक बड़ी बदलाव लाना था।

भारत में श्वेत क्रांति का जनक डॉ. वर्गीस कुरियन को कहा जाता हैं। भारत के डेयरी उद्योग में डॉ. कुरियन का योगदान क्रांतिकारी था, और देश को दूध की कमी वाले देश से दुनिया के सबसे बड़े दूध उत्पादकों में से एक में बदलने के उनके प्रयासों के लिए उन्हें व्यापक रूप से पहचाना जाता है।

1950 के दशक में, भारत को दूध की भारी कमी का सामना करना पड़ा, और डेयरी क्षेत्र बढ़ती आबादी की मांगों को पूरा करने के लिए संघर्ष कर रहा था। 

इस समय भारत में दूध की कमी थी और दुग्ध उत्पादन से जुड़े क्षेत्र में जैसे कि दूध उत्पादन करने वाले किसानों के मुद्दे को सुलझाने के लिए उचित समर्थन उपलब्ध नहीं था। श्वेत क्रांति के तहत डॉ. वर्गीस कुरियन ने अपने नेतृत्व में एमूल और दूध उत्पादकों के सहयोग से सहकारी आंदोलन को मजबूत बनाया जो भारत के दुग्ध उद्योग की एक अनोखी प्रतीक हुआ।

श्वेत क्रांति के तहत, दुग्ध उत्पादन को बढ़ाने के लिए विभिन्न उपाय अपनाए गए जैसे कि नवीनतम दुग्ध उत्पादन तकनीकों का प्रचार-प्रसार, दूध के गुणवत्ता और सुरक्षा की गारंटी को सुनिश्चित करना। इसके साथ ही दूध उत्पादकों को उचित मूल्य देने के लिए समर्थन भी प्रदान किया गया।



श्वेत क्रांति के माध्यम से भारत ने दूध उत्पादन में बड़े परिवर्तन की तबाही लाई, जिससे भारत दुग्ध उद्योग में विश्व में अग्रणी स्थान प्राप्त कर गया। इसके साथ ही छोटे गांवों के किसानों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाया और उन्हें समृद्धि की ओर अग्रसर किया।

श्वेत क्रांति के यह प्रयास भारत के दुग्ध उद्योग को न केवल एक उच्च स्तर पर पहुंचाया बल्कि यह समृद्धि के नए दृष्टिकोण को स्थापित कर उठे। डॉ. वर्गीस कुरियन के संघर्ष और समर्थन से, भारत ने अपने दूध उत्पादन में एक नई पहचान बनाई और संबल गई।


श्वेत क्रांति ने भारतीय दुग्ध उद्योग को एक नई ऊंचाई तक पहुंचाया है, और इसके माध्यम से भारत के किसानों को आर्थिक और सामाजिक रूप से सशक्त बनाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। श्वेत क्रांति के सफल प्रयासों ने भारत को विश्व में एक महत्वपूर्ण दुग्ध उत्पादक देश बना दिया है।






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