ज्वालामुखी उद्गार से बनी क्रेटर झील कौन सी है |Jwalamukhi udgar se bani crater jheel kaun si hai

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Jwalamukhi udgar se bani crater jheel kaun si hai

Jwalamukhi udgar se bani crater jheel kaun si hai


भारत में कई प्राकृतिक आकर्षण हैं, जिनमें क्रेटर झीलों का महत्वपूर्ण स्थान है। क्रेटर झीलें को गर्त-मुख झीलें भी कहा जाता है, ज्वालामुखी क्रिया के परिणामस्वरूप बनती हैं और ये अद्वितीय गहराई और प्राकृतिक सौन्दर्य के साथ संबंधित होती हैं।

ज्वालामुखी उद्गार से बनी क्रेटर झील तोबा झील, भारत की लोनार एवं पुष्कर झील इतियादी है। विश्व में बहुत सारी ज्ञात क्रेटर झील हैं। इण्डोनेशिया के सुमात्रा द्वीप में स्थित तोबा झील, विश्व की सबसे बड़ी ज्वालामुखीय झील के रूप में प्रसिद्ध है। इसका नाम तोबा वल्केनो की उत्पत्ति स्थल पर आधारित है, जो इस जगह के प्रमुख आकर्षण के रूप में कार्य करता है।

तोबा झील वास्तव में एक क्रेटर झील है, जिसका उत्पत्ति क्रिस्टेसी युग में एक महाज्वालामुखी के विस्फोट के बाद हुआ था। यह झील लगभग 100 किलोमीटर की लम्बाई और 30 किलोमीटर की चौड़ाई में फैला हुआ है और उसकी गहराई करीब 450 मीटर है। 

तोबा झील अपने प्राकृतिक सौन्दर्य के लिए प्रसिद्ध है, वह भी ऐतिहासिक महत्व का धारण करता है। यहाँ पर पाये जाने वाले चित्रकलाएँ और कला विरासत इसके पास हैं, जिनमें बरुदकोबो क्षेत्र का बना हुआ एक बड़ा स्तूप, बुद्ध मंदिर और अन्य महत्वपूर्ण ऐतिहासिक स्थल हैं।

राजस्थान के धरोहर से भरपूर पुष्कर शहर में स्थित पुष्कर झील है। यह एक पवित्र जल स्थल जिसमें दिलचस्प इतिहास है। पुष्कर झील अनगिनत तीर्थयात्री और पर्यटकों के दिलों में एक विशेष स्थान रखती है। यह झील लगभग 52 घाटियों और सैकड़ों मंदिरों से घिरी है।

पुष्कर झील का पौराणिक महत्व भारतीय सांस्कृतिक धरोहर का महत्वपूर्ण हिस्सा है। हिन्दू पौराणिक कथाओं के अनुसार, इस झील का निर्माण भगवान ब्रह्मा जी ने किया था। यहां पर ब्रह्मा जी का मंदिर स्थित है, जो भारत में एकमात्र ऐसा स्थल है जहां उनकी पूजा होती है।


पौराणिक दृष्टिकोण से पुष्कर झील का महत्व और मान्यता विशेष रूप से वृद्धि कराता है। अनुसार कथाएँ, ब्रह्मा जी ने यहाँ एक यज्ञ का आयोजन किया था जिसमें वे अपने दिव्य वाहन हंस के साथ आए थे। यह आयोजन उनके द्वारा निष्काम कर्म और त्याग के प्रतीक के रूप में जाना जाता है, और इसे ब्रह्मा मंदिर के साथ जुड़ा है, जो पुष्कर के प्रमुख प्राचीन मंदिरों में से एक है।

पुष्कर झील और उसके चारों ओर का परिधि संगीत, भजन, और धार्मिक आयोजनों का केंद्र बन गया है। इसके अलावा, यहां की प्राकृतिक सौन्दर्य और मान्यताएं इसे भारतीय संस्कृति के अद्वितीय पहलु के रूप में प्रमाणित करती हैं। यहां का ऐतिहासिक महत्व और धार्मिक मान्यता विश्व भर के लोगों के लिए एक विशेष और आदर्श स्थल के रूप में उपलब्ध है।

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